ITR 5 भी देना होगा जरूरी
जिन लोगों का साल में 5 लाख रुपए से अधिक का ट्रांजैक्शन होता है या जिनके अकाउंट में 5 लाख रुपए से ज्यादा हैं तो वो ITR 5 फार्म बैंक में जरूर सबमिट करें। आईटी डिपार्टमेंट कौन-से लोग ज्यादा कमाई करने के बाद भी टैक्स की चोरी कर रहे हैं उन पर नजर रख सकेंग। ITR फाइल करते वक्त हर शख्स को अपने सभी बैंक अकाउंट की डिटेल देना जरूरी होगा। ITR 5 जमा करने के बाद बैंक के जरिए आईटी डिपार्टमेंट आसानी से सभी बैंक अकाउंट डिटेल को चेक कर सकता है।

सरकार के रेवेन्यू में होगी बढ़ोत्तरी
अगर किसी शख्स ने बैंक अकाउंट की जानकारी ITR 5 में छिपाई है तो बैंक को पता चल जाएगा कि कौन-से अकाउंट की डिटेल नहीं दी गई है। इसके जरिए आईटी डिपार्टमेंट अकाउंट होल्डर्स के बैंकिंग लेन-देन को आसानी से ट्रैक कर सकेगा। अगर सरकार ऐसा करती है तो इनकम टैक्स देने वाले लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा होगा। सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोत्तरी होगी। इसके साथ ही टैक्स चोरी पर भी लगाम लगेगी। रिटर्न की ई-फाइलिंग करने वाले सभी टैक्सपेयर्स के लिए ITR 5 मैंडेटरी है। जिन्होंने रिटर्न को वेरिफाई करने के लिए डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल नहीं किया है। यह एक्नॉलेजमेंट की तरह है।

120 दिन के अंदर पहुंचे टैक्स रिटर्न
टैक्स रिटर्न भरने के बाद आईटीआर 5 का प्रिंट लेकर उस पर सिग्नेचर कर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, सीपीसी- बेंगलुरु को भेजना पड़ता है। जिन टैक्सपेयर्स ने आधार नंबर को आईटीआर से लिंक करा रखा है या जिनका डिजिटल हस्ताक्षर है उन्हें इसकी कॉपी सीपीसी सेंटर बेंगलुरु नहीं भेजनी होती है। आईटीआर 5 की कॉपी मिलने के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्सपेयर को इसकी सूचना देता है। इसके बाद ही टैक्स रिटर्न प्रॉसेस पूरी मानी जाती है। इसे किसी भी स्थिति में टैक्स रिटर्न के 120 दिन के भीतर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में पहुंचाना जरूरी है।

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